यूक्रेन ने पहली बार पश्चिमी मिसाइलों से रूस पर हमला किया यूक्रेनी सेना ने अमेरिकी ATACMS मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए रूस के सीमा क्षेत्र पर पहली बार हमला किया है। यह जानकारी यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने दी है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के अंदर गहराई तक हमले करने की अनुमति दी है। उन्होंने अमेरिकी लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है। यह फैसला तब आया जब रूस ने अपने युद्ध को मजबूत करने के लिए हजारों उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है।
इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद बाइडेन का यह फैसला चर्चा में है। ट्रंप ने युद्ध को जल्द समाप्त करने का वादा किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी सरकार यूक्रेन को दी जा रही अमेरिकी सैन्य सहायता को जारी रखेगी या नहीं।
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन पश्चिमी देशों द्वारा दिए गए गैर-परमाणु मिसाइलों का इस्तेमाल उसके खिलाफ करता है, तो इसका जवाब परमाणु हमला हो सकता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस की नई परमाणु नीति को मंजूरी दी है, जो वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार अपडेट की गई है।
पेस्कोव ने कहा कि रूस परमाणु हथियारों का उपयोग केवल चरम स्थिति में करता है। वहीं, अमेरिका ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइलें दी हैं, जो 300 किमी तक हमला कर सकती हैं। इनका इस्तेमाल रूस के अंदर हमलों के लिए किया जा सकता है।
इस बीच, रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को अपनी सेना में शामिल कर युद्ध को तेज़ कर दिया है। बाइडेन प्रशासन ने यह निर्णय रूस के इस कदम और यूक्रेन की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए लिया। लेकिन रूस का कहना है कि ऐसा हमला पश्चिमी देशों की सीधी भागीदारी का संकेत देगा।
रूस ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन द्वारा अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल “पश्चिमी देशों की सीधी भागीदारी” का संकेत है और इसका जवाब रूस “मजबूत और गंभीर तरीके” से देगा।
यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे हमले करने के लिए हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय जनवरी 20 को राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने से दो महीने पहले लिया गया था। यह निर्णय राष्ट्रपति ज़ेलेनस्की की कई महीनों की मांगों के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन की सेना को रूस के दूर स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देने की अपील की थी।
ATACMS मिसाइल की रेंज और क्षमताएं
यूक्रेन के पास M39A1 ब्लॉक IA ATACMS मिसाइलें होने की संभावना है, जो आंशिक रूप से ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) से गाइडेड होती हैं। इन मिसाइलों की रेंज 70 से 300 किलोमीटर (40 से 190 मील) तक है। यह 300 छोटे बम (क्लस्टर बमलेट्स) ले जाने में सक्षम हैं। सेना के दस्तावेजों के अनुसार, M39 ब्लॉक IA का उपयोग 1997 से अमेरिकी सेना के शस्त्रागार में किया जा रहा है और इन्हें “ऑपरेशन इराकी फ्रीडम” के दौरान इस्तेमाल किया गया था।
यूक्रेनी सेना ने ATACMS मिसाइल का उपयोग करते हुए पहली बार रूसी सीमा क्षेत्र में हमला किया है। यह जानकारी यूक्रेन की सेना के एक अधिकारी ने RBC यूक्रेन को दी।
यूक्रेनी प्रतिरोध के बावजूद, रूसी बलों ने खारकीव जैसे क्षेत्रों में बढ़त बनाई है। रूस के उत्तर कोरिया और चीन जैसे देशों से संबंधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बनी हुई है।
यूक्रेन अपनी रक्षा जारी रखे हुए है, खासकर कूर्स्क क्षेत्र में, जहां रूसी आक्रमणों का सामना कर रहे हैं। रूस अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि यूक्रेन नाटो द्वारा आपूर्ति की गई हथियारों से इसका मुकाबला कर रहा है। इसके बावजूद, रूसी बलों ने खार्किव जैसे इलाकों में कुछ प्रगति की है। रूस के उत्तर कोरिया और चीन जैसे देशों के साथ संबंधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बनी हुई है।
ट्रंप की नई नीति का इंतजार
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप विजेता घोषित हुए हैं। ट्रंप ने कहा है कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करेंगे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वे बाइडेन के इस फैसले को जारी रखेंगे या नहीं।