मेक इन इंडिया के 10 साल: PM मोदी ने गिनाईं प्रमुख उपलब्धियां, भारत बना वैश्विक उत्पादन हब|

10 years of Make In India

मेक इन इंडिया अभियान, जिसे 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था, आज 10 साल पूरे कर चुका है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश की निर्माण क्षेत्र में हुई प्रगति की सराहना की और भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका को उजागर किया। 10 साल पहले, मेक इन इंडिया की शुरुआत के साथ, सरकार ने भारतीय उत्पादन क्षेत्र को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा था। आज यह सपना हकीकत बन चुका है और इसका प्रभाव भारत की अजेयता को दर्शाता है।

मोबाइल निर्माण में क्रांति

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि जब 2014 में यह अभियान शुरू हुआ था, तब देश में केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयाँ थीं। आज यह संख्या 200 से भी अधिक हो चुकी है। इसके परिणामस्वरूप, मोबाइल निर्यात में 7,500% की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। 2014 में मोबाइल निर्यात केवल ₹1,556 करोड़ था, जो अब ₹1.2 लाख करोड़ हो गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में उपयोग किए जाने वाले 99% मोबाइल अब भारत में ही निर्मित होते हैं, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है।

स्टील और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उन्नति

मोदी ने बताया कि भारत अब तैयार स्टील का शुद्ध निर्यातक बन चुका है, और 2014 से स्टील उत्पादन में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। साथ ही, सेमीकंडक्टर निर्माण क्षेत्र में भी भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है और पांच नए प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 7 करोड़ चिप्स से अधिक होगी।

नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि

भारत नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में भी वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र की क्षमता में 400% की वृद्धि हुई है। 2014 में भारत का इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग लगभग नगण्य था, लेकिन आज यह उद्योग $3 बिलियन का हो चुका है। यह मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत की उत्पादन क्षमताओं और नवाचार को दर्शाता है।

रक्षा और खिलौना उद्योग में प्रगति

रक्षा क्षेत्र में भी बड़ी प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के रक्षा उत्पादन निर्यात में भी भारी वृद्धि हुई है। 2014 में ₹1,000 करोड़ से कम का निर्यात होता था, जो अब ₹21,000 करोड़ तक पहुंच चुका है। आज भारत 85 से अधिक देशों को रक्षा उत्पादों का निर्यात करता है।

इसके अलावा, खिलौना उद्योग में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय खिलौना उद्योग के निर्यात में 239% की वृद्धि हुई है, जबकि आयात आधे से भी कम हो गया है। इससे न केवल स्थानीय निर्माताओं को फायदा हुआ है, बल्कि बच्चों के लिए भी सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाले खिलौने उपलब्ध हो रहे हैं।

MSME सेक्टर और उत्पादन से जुड़े लाभ

मेक इन इंडिया ने न केवल बड़े उद्योगों में प्रगति की है, बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्रों को भी सशक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पहल ने गरीब और मध्यम वर्ग को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान गरीबों को धनी निर्माता बनने की प्रेरणा देता है और उन्हें अपने खुद के व्यवसाय स्थापित करने की क्षमता देता है।

उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं का प्रभाव

मोदी ने सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं का जिक्र किया, जिसने हजारों करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है और लाखों रोजगार सृजित किए हैं। इसके अलावा, व्यापार सुगमता में भी भारत ने महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। मोदी ने कहा कि आज भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है और विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार के रूप में देखा जा रहा है।

युवाओं को प्रेरणा और नवाचार पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे मेक इन इंडिया अभियान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता उत्पादन और नवाचार भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने ‘शून्य दोष’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही और कहा कि हमें केवल अपने देश की जरूरतें ही नहीं पूरी करनी हैं, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक नवाचार और उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

मोदी ने कहा कि आज का दिन उन सभी को सलाम करने का है जिन्होंने इस पहल को सफल बनाया है। उन्होंने सभी भारतीयों को “पथप्रदर्शक, दूरदर्शी और नवोन्मेषक” कहा, जिनकी मेहनत ने भारत को वैश्विक ध्यान का केंद्र बना दिया है।

निष्कर्ष

मेक इन इंडिया की दसवीं वर्षगांठ भारत की उत्पादन क्षमताओं की एक नई गाथा लिखती है। इस पहल ने न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसकी पहचान मजबूत की है। मेक इन इंडिया का प्रभाव आज हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है, चाहे वह मोबाइल निर्माण हो, स्टील हो, सेमीकंडक्टर हो, या फिर रक्षा और खिलौना उद्योग। मोदी के शब्दों में, “भारत अजेय है” और यह अभियान इस सच्चाई का प्रमाण है।

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