के. कविता 5 महीने बाद जेल से रिहा, कहा- “हम कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे”
तेलंगाना की नेता के. कविता, जो दिल्ली शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मार्च से जेल में थीं, मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सशर्त जमानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा हो गईं। उनकी रिहाई पर बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ढोल बजाए और पटाखे फोड़े। उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव भी इस मौके पर मौजूद थे।
रिहाई के बाद कविता ने अपने पहले बयान में कहा, “हम लड़ाकू हैं, हम कानूनी और राजनीतिक रूप से इसका मुकाबला करेंगे। उन्होंने केवल बीआरएस और केसीआर की टीम को और मजबूत बना दिया है।” जेल से बाहर आते ही कविता ने अपने परिवार से मिलते वक्त भावुक हो गईं। कविता ने कहा, “सिर्फ राजनीति के कारण मुझे जेल में डाला गया। मैंने कोई गलती नहीं की। मैं लड़ूंगी और अपनी बेगुनाही साबित करूंगी। मैं तेलंगाना की बेटी हूं, केसीआर की बेटी हूं। मैं गलती नहीं कर सकती। मैं जिद्दी और नेक हूं।”
बीआरएस पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कविता ने कहा, “जिन लोगों ने मुझे और मेरे परिवार को इस परीक्षा से गुजारा है, उन्हें मैं समय आने पर सूद समेत लौटाऊंगी। हमारा समय भी आएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “एक मां के रूप में अपने परिवार और बच्चों से साढ़े पांच महीने दूर रहना बहुत कठिन था।” इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 46 वर्षीय बीआरएस नेता की हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने उनके खिलाफ जांच पूरी कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, “अपीलकर्ता (कविता) को तुरंत जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है… प्रत्येक मामले में 10 लाख रुपये के जमानत बांड जमा करने पर।” यह आदेश जुलाई 1 को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनके जमानत याचिका को खारिज करने के फैसले के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार करते हुए दिया गया।
दोनों केंद्रीय एजेंसियों की जांच की निष्पक्षता पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आलोचना की, यह कहते हुए, “इस स्थिति को देखकर खेद होता है।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अभियोजन को निष्पक्ष होना चाहिए। आप किसी को भी चुन सकते हैं और किसी को भी छोड़ सकते हैं। क्या यही निष्पक्षता है? एक व्यक्ति जिसने खुद को दोषी ठहराया, उसे गवाह बना दिया गया।” अदालत ने आगे कहा, “कल आप किसी को भी चुनकर उठा लेंगे और किसी को भी छोड़ देंगे। यह बहुत ही उचित और तार्किक विवेक है!” वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, जो कविता की ओर से पेश हुए, उन्हों ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र और अभियोजन शिकायत पहले ही दायर की जा चुकी है। उन्होंने 9 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें सह-आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को दो मामलों में जमानत दी गई थी। कविता को ED ने 15 मार्च को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था, और CBI ने 11 अप्रैल को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।